छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित -150+ choti paheli with answer
छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित
क्या आप "छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित" ढूंढ रहे है? तो यह पोस्ट खास आपके लिए है। हम यहा पर BEST "150+ chhoti chhoti paheliyan" का कलेक्शन साझा कर रहे है। यदि आपको ये "छोटी-छोटी पहेलियां" पसंद आती है तो इसे अपने दोस्तों के साथ SHARE अवश्य करे।
Paheli in hindi with answer 2023
[TOP 150+] छोटी-छोटी पहेलियां 2023
एक पहेली मैं बुझाउ,
सिर को काट नमक छिर्काऊँ ||
--खीरा
सिर को काट नमक छिर्काऊँ ||
--खीरा
काली है,पर काग नहीं,
लम्बी है, पर नाग नहीं|
बलखाती है,पर ढ़ोर नहीं,
बाँधते है, पर डोर नही ||
--चोटी
काले बन की रानी है,
लाल-पानी पीती है |
--खटमल
लाल-पानी पीती है |
--खटमल
तीन अक्षर का नाम बताये|
शुरू के दो अति हो जाये,
अंतिम दो से तीथी बताये||
--अतिथि
शुरू के दो अति हो जाये,
अंतिम दो से तीथी बताये||
--अतिथि
बीमार नहीं रहती,
फिर भी खाती है गोली|
बच्चे, बूढ़े डर जाते,
सुन इसकी बोली ||
--बंदूक
फिर भी खाती है गोली|
बच्चे, बूढ़े डर जाते,
सुन इसकी बोली ||
--बंदूक
खाते नहीं चबाते लोग,
काठ मे करवा रस संयोग |
दाँत जीभ की करे सफाई,
बोलो बात समझ मे आई ||
--दातून
काठ मे करवा रस संयोग |
दाँत जीभ की करे सफाई,
बोलो बात समझ मे आई ||
--दातून
चार ड्राईवर एक सवारी |
उसके पीछे जनता भारी ||
--मुर्दा
उसके पीछे जनता भारी ||
--मुर्दा
मैं मरूँ मैं कटूँ |
तुम्हें क्यों आँसू आए |
--प्याज
तुम्हें क्यों आँसू आए |
--प्याज
ऊंट की बैठक, हिरण की चाल,
बोलो वह कौन है पहलवान |
--मेढक
बोलो वह कौन है पहलवान |
--मेढक
काला मूंह लाल शरीर,
कागज को वह खाता |
रोज शाम को पेट फारकर
कोई उन्हे ले जाता ||
--लेटरबॉक्स
कागज को वह खाता |
रोज शाम को पेट फारकर
कोई उन्हे ले जाता ||
--लेटरबॉक्स
हरी डंडी, लाल कमान,
तौबा-तौबा करें इंसान |
--मिर्ची
तौबा-तौबा करें इंसान |
--मिर्ची
कल बनता धर के बिना,
माल बनता सिरहीन|
थोड़ा हूँ पैर कटे तो,
अक्षर केवल तीन ||
-कमल
माल बनता सिरहीन|
थोड़ा हूँ पैर कटे तो,
अक्षर केवल तीन ||
-कमल
पहेली उत्तर सहित हिंदी में
\
तीन अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा सीधा एक समान|
--जहाज
उल्टा सीधा एक समान|
--जहाज
पानी से निकलता दरखत एक,
पात नहीं पर दाल अनेक |
एक दरख्त की ठंडी छाया,
नीचे एक बैठ नही पाया ||
--फुहारा
पात नहीं पर दाल अनेक |
एक दरख्त की ठंडी छाया,
नीचे एक बैठ नही पाया ||
--फुहारा
हमने देखा अजब एक बंदा ,
सूरज के सामने रेहता ठंडा |
धूप मे ज़रा नही घबराता,
सूरज की तरफ मूँह लटक जाता ||
--सूरजमुखी
सूरज के सामने रेहता ठंडा |
धूप मे ज़रा नही घबराता,
सूरज की तरफ मूँह लटक जाता ||
--सूरजमुखी
परत-परत पर जमा हुआ है,
इस एज्ञान ही जान|
बस्ता खोलोगे तो इसको,
जाओगे तूम पहचान ||
--किताब
इस एज्ञान ही जान|
बस्ता खोलोगे तो इसको,
जाओगे तूम पहचान ||
--किताब
काला हण्डा, उजला भात,
ले लो भाई हाथों-हाथ |
--सिंघारा
ले लो भाई हाथों-हाथ |
--सिंघारा
हाथी,घोड़ा ऊंट नहीं,
खाए न दाना, घास|
सदा ही धरती पर चले,
होए न कभी उदास ||
--साइकिल
खाए न दाना, घास|
सदा ही धरती पर चले,
होए न कभी उदास ||
--साइकिल
पहेली उत्तर सहित
मैं हरी,मेरे बच्चे काले,
मुझको छोरमेरे बच्चे खाले |
--इलाईची
मुझको छोरमेरे बच्चे खाले |
--इलाईची
[BeST]Paheli in Hindi with AnSwer 2023
चार हैं रानियाँ और एक हैं राजा,
और एक काम मे उनका अपना साझा |
--अंगूठा और अंगुलियाँ
और एक काम मे उनका अपना साझा |
--अंगूठा और अंगुलियाँ
तीन अक्षरो का मेरा नाम,
आदि कटे तो चार |
कैसे हो तुम मैं जानूँ,
बोलो तुम सोच विचार ||
--अचार
आदि कटे तो चार |
कैसे हो तुम मैं जानूँ,
बोलो तुम सोच विचार ||
--अचार
एक फूल है काले रंग का,
सिर पर सदा सुहाए |
तेज धूप मे खिल-खिल जाता,
पर छाया मे मुरछाए ||
--छाता
सिर पर सदा सुहाए |
तेज धूप मे खिल-खिल जाता,
पर छाया मे मुरछाए ||
--छाता
सापों से भरी एक पिटारी,
सब के मूंह मे दो चिंगारी |
जोड़ो हाथ तो निकल गहर से,
फिर घर पर सिर दे फटके ||
--माचिस
सब के मूंह मे दो चिंगारी |
जोड़ो हाथ तो निकल गहर से,
फिर घर पर सिर दे फटके ||
--माचिस
150+Chhoti chhoti paheliyan
हाथ-पैर सब-जुदा,
ऐसी सूरत दे खुदा |
जब वह सूरत बन ठन आवे ,
हाथ धरे तो रोग सुनावे ||
--हुक्का
ऐसी सूरत दे खुदा |
जब वह सूरत बन ठन आवे ,
हाथ धरे तो रोग सुनावे ||
--हुक्का
अन्त कटे कौआ बन जाए,
प्रथम कटे तो कार्य बने,
तीन अक्षर का उसका नाम ||
--कागज
प्रथम कटे तो कार्य बने,
तीन अक्षर का उसका नाम ||
--कागज
ऐसा शब्द लिखिये जिससे,
फूल, मिठाई, फल बन जाये |
--गुलाब जामुन
फूल, मिठाई, फल बन जाये |
--गुलाब जामुन
एक छोटा सा बंदर,
जो उछले पानी के अंदर |
--मेढक
जो उछले पानी के अंदर |
--मेढक
थल मे पकड़े पैर तुम्हारे,
जल मे पकड़े हाथ |
मुर्दा होकर भी रहता है ,
जिंदों के हाथ ||
--जूता
जल मे पकड़े हाथ |
मुर्दा होकर भी रहता है ,
जिंदों के हाथ ||
--जूता
बच्चे भी कहते है मामा,
बूढ़े भी कहते है मामा |
दीदी भी कहती है मामा,
बोलो कौन से मामा |
--चंदा मामा
बूढ़े भी कहते है मामा |
दीदी भी कहती है मामा,
बोलो कौन से मामा |
--चंदा मामा
तीन पैर की तीतली,
नहा-धोकर निकली |
--समोसा
नहा-धोकर निकली |
--समोसा
150+पहेलियाँ उत्तर सहित
ऊंट की बैठक हिरण की चाल |
वह कौन सा जानवर,
जिसके दुम न पाल ||
--मेढक
वह कौन सा जानवर,
जिसके दुम न पाल ||
--मेढक
न काशी, न बाबाधाम,
बीन जिसके हो चक्का जाम |
पानी जैसी चीज़ है वह
झट से बताओ उसका नाम ||
--पेट्रोल
बीन जिसके हो चक्का जाम |
पानी जैसी चीज़ है वह
झट से बताओ उसका नाम ||
--पेट्रोल
आवाज हैं, इंसान नहीं,
जवान है निशान नहीं||
--औडीयो कैसेट
जवान है निशान नहीं||
--औडीयो कैसेट
खुशबू है गुलाब नहीं,
रंगीन है लेकिन शराब नहीं |
सुगंध है कोई प्रेम पत्र नहीं,
ये जहर है, लेकिन गुलाब नहीं||
--इत्र
रंगीन है लेकिन शराब नहीं |
सुगंध है कोई प्रेम पत्र नहीं,
ये जहर है, लेकिन गुलाब नहीं||
--इत्र
शुरू कटे तो नमक बने,
मध्य कटे तो कान |
अन्त कटे तो काना बन,
जो न जाने उसका बाप शैतान ||
--कानून
मध्य कटे तो कान |
अन्त कटे तो काना बन,
जो न जाने उसका बाप शैतान ||
--कानून
हरी डिब्बी, पीला मकान |
उसमे बैठे कल्लू राम ||
--पपीता और बीज
उसमे बैठे कल्लू राम ||
--पपीता और बीज
खड़ी करो तो गिर पड़े,
दौड़ी मिलों जाए |
नाम बता दो इसका,
यह तुम्हें हमे बिठाए ||
--साइकल
दौड़ी मिलों जाए |
नाम बता दो इसका,
यह तुम्हें हमे बिठाए ||
--साइकल
बिल्ली की पुंछ रहे हाथ मे,
बिल्ली रहे इलाहबाद में |
--पतंग
बिल्ली रहे इलाहबाद में |
--पतंग
हिंदी पहेली उत्तर सहित
नया खजाना घर मे आया,
डब्बे मे संसार समाया |
नया करिश्मा बेजोड़ी का,
नाम बताओ इस योगी का ||
--टेलिविजन
डब्बे मे संसार समाया |
नया करिश्मा बेजोड़ी का,
नाम बताओ इस योगी का ||
--टेलिविजन
Paheli in hindi with answers
छोटा-सा धागा,
सारी बात ले भागा |
--टेलीफ़ोन
सारी बात ले भागा |
--टेलीफ़ोन
एक महल बसी कोठरी सब है फाटकदार |
खोले तो दरवाजा मिले न राजा, पहरेदार||
--प्याज
खोले तो दरवाजा मिले न राजा, पहरेदार||
--प्याज
तीन अक्षर का मेरा नाम,
प्रथम कटे तो शस्त्र बनूँ |
मध्य कटे तो बनूँ मैं आन
बोलो क्या है मेरा नाम ||
--आँगन
प्रथम कटे तो शस्त्र बनूँ |
मध्य कटे तो बनूँ मैं आन
बोलो क्या है मेरा नाम ||
--आँगन
एक घोड़ा ऐसा जिसकी छ: टांग दो सूम |
और तमाशा ऐसा देखा पीठ के ऊपर दूम ||
--तराजू
और तमाशा ऐसा देखा पीठ के ऊपर दूम ||
--तराजू
बेशक न हो हातह मे हाथ,
बिता है वह आपके साथ |
--परछाई
बिता है वह आपके साथ |
--परछाई
छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित
एक पहेली सदा नवेली जो भूझे सो जिंदा,
जिंदा मे से मुर्दा निकले,
मुर्दा मे से जिंदा |
--अंडा
जिंदा मे से मुर्दा निकले,
मुर्दा मे से जिंदा |
--अंडा
जो तुझमे है वह उसमे नहीं,
जो झंडे मे है वह अंडे मे नहीं |
--झ
जो झंडे मे है वह अंडे मे नहीं |
--झ
आगे से गाँठ गठीला,पीछे से वो टेढ़ा |
हातह लगाए कहर खुदा का, बुझ पहेली मेरा |
--बिच्छू
--बिच्छू
कमर बांध कोने मे पड़ी |
बड़ी सबेरे अब है खड़ी ||
--झाडू
बड़ी सबेरे अब है खड़ी ||
--झाडू
हाल पनि का देखकर बहुत ताज्जूब आए|
ड्राख्त मे डूबा भरा,डालिया प्यासी जाये ||
--ओस
ड्राख्त मे डूबा भरा,डालिया प्यासी जाये ||
--ओस
काटते है, पिसते है,
बाँटते है, पर खाते नहीं ||
--तास्पत्ति
बाँटते है, पर खाते नहीं ||
--तास्पत्ति
चार है चिड़ियाँ,
चार अहि रंग |
चारो के बदरंग,
चारो जब बैठे साथ,
लगे एक ही रंग ||
--पान
चार अहि रंग |
चारो के बदरंग,
चारो जब बैठे साथ,
लगे एक ही रंग ||
--पान
छूने मे शीतल,
सूरत मे लुभानी,
रात मे मोती और दिन मे पानी
--ओस
सूरत मे लुभानी,
रात मे मोती और दिन मे पानी
--ओस
Paheliyan with answer
तीन अक्षर का उसका नाम,
आता है जो खाने काम |
अन्त कटे तो हल बन जाये,
मध्य कटे तो हवा बाण जाये ||
--हलवा
आता है जो खाने काम |
अन्त कटे तो हल बन जाये,
मध्य कटे तो हवा बाण जाये ||
--हलवा
हरी टोपी, लाल दुशाला |
पेट मे है मोती की माला ||
--लाल मिर्च
पेट मे है मोती की माला ||
--लाल मिर्च
एक नारी ऐसी है,
रंग जिसका मैला है,
लगी रहती अहि वह पिया के संग,
रोशनी मे संग विराजती,
अंधकार मे भाग जाती ||
--परछाई
रंग जिसका मैला है,
लगी रहती अहि वह पिया के संग,
रोशनी मे संग विराजती,
अंधकार मे भाग जाती ||
--परछाई
नहीं चाहिए इंजन मुझको,
नहीं चाहिए खाना |
मुझ पर चढ़कर आसपास का,
करलों सफर सुहाना ||
--साइकिल
नहीं चाहिए खाना |
मुझ पर चढ़कर आसपास का,
करलों सफर सुहाना ||
--साइकिल
बीच ताल में थोड़ा पानी |
उसमे नीचे लाल भवानी ||
--पूड़ी
उसमे नीचे लाल भवानी ||
--पूड़ी
आदि कटे तो हद हो जाये,
अन्त कटे तो राह है,
तीन अक्षरी बसी माधुरी,
कण-कण मे संचित है ||
--शब्द,
अन्त कटे तो राह है,
तीन अक्षरी बसी माधुरी,
कण-कण मे संचित है ||
--शब्द,
[150+] choti paheli uttar sahit
बिना तेल के चलता है,
पैर बिना वो चलता है,
उजियारे को बिखेर कर,
अँधियारे को दूर करता है||
--सूरज
पैर बिना वो चलता है,
उजियारे को बिखेर कर,
अँधियारे को दूर करता है||
--सूरज
हाथ मे हरा, मूँह मे लाल |
क्या सीएचआरआरज़ेड है
बताओ प्यारे लाल |
--कोयला
क्या सीएचआरआरज़ेड है
बताओ प्यारे लाल |
--कोयला
बरसात मे याद दिलाये |
पानी धूप मे काम आए ||
--छाता
पानी धूप मे काम आए ||
--छाता
[150+] Choti Paheli With Answer
एक महल के दो रखवाले,
दोनों लंबे दोनों काले ,
ठाकुरों की शान है वह,
मुरदो की जान है वह||
--मूँह
दोनों लंबे दोनों काले ,
ठाकुरों की शान है वह,
मुरदो की जान है वह||
--मूँह
लाल घोड़ा अड़ा रहे,
काला घोड़ा भागता जाये |
--आग-धुआं
काला घोड़ा भागता जाये |
--आग-धुआं
दिखने मे मैं बाँस सरीखा,
नहीं मैं कडुवा नहीं मैं तीखा,
स्वाद मधुर,स्पर्श रसीला,
गर्मियों तक चले मेरा सिलसिला||
--गन्ना
नहीं मैं कडुवा नहीं मैं तीखा,
स्वाद मधुर,स्पर्श रसीला,
गर्मियों तक चले मेरा सिलसिला||
--गन्ना
धूप देख मैं आ जाऊँ,
छाओ देख शरमा जाऊँ|
जब हवा करे स्पर्श मुझे,
मैं उसमे समा जाऊँ||
--पसीना
छाओ देख शरमा जाऊँ|
जब हवा करे स्पर्श मुझे,
मैं उसमे समा जाऊँ||
--पसीना
शंकर जी का हूँ मैं पर्याय,
सब को मेरा रंग रूप सुभाय|
मैं हूँ नभ पर खग काया,
कोई है जो मेरा नाम बताय||
--नीलकण्ठ
सब को मेरा रंग रूप सुभाय|
मैं हूँ नभ पर खग काया,
कोई है जो मेरा नाम बताय||
--नीलकण्ठ
लंबी पुंछ पीठ पर रेखा,
दोनों हाथो खाते देखा|
--गिलहरी
दोनों हाथो खाते देखा|
--गिलहरी
आपस मे ये मित्र बड़े है,
चार पड़े है चार खड़े हैं|
इच्छा हो तो उस पर बैठो,
या फिर बड़े मजे से लेटो|
--खाट
चार पड़े है चार खड़े हैं|
इच्छा हो तो उस पर बैठो,
या फिर बड़े मजे से लेटो|
--खाट
कान मरोड़ो पानी दूँगा,
नहीं दाम मैं कुच्छ भी लूँगा |
--नल
नहीं दाम मैं कुच्छ भी लूँगा |
--नल
चार चौकड़ी मेन बाजार,
सोलह बेटी के एक दामाद|
--पासा
सोलह बेटी के एक दामाद|
--पासा
Best सूक्ष्म पहेलियाँ उत्तर सहित
आते-आते है दु:ख हैं देते,
बीच मे देते आराम |
कड़ी-दृष्टि रखना इन पर,
सदा सुबह और शाम||
--दाँत
बीच मे देते आराम |
कड़ी-दृष्टि रखना इन पर,
सदा सुबह और शाम||
--दाँत
यह हमको देती आराम,
यह ऊँची तो ऊंचा नाम,
बड़े-बड़े लोगो को देखा,
इसके लिए हपोता संग्राम||
--कुर्सी
यह ऊँची तो ऊंचा नाम,
बड़े-बड़े लोगो को देखा,
इसके लिए हपोता संग्राम||
--कुर्सी
जा को ज़ोड़ बने जापान |
बड़े-बड़े की मूँह की शान ||
--पान
बड़े-बड़े की मूँह की शान ||
--पान
लाल-लाल डिबियाँ, पीले हैं खाने |
डिबिया के भीतर, मोती के दाने ||
--अनार
डिबिया के भीतर, मोती के दाने ||
--अनार
गिन नहीं सकता कोई,
है मुझसे ही रूप|
दिमाग को ढके रहता,
सर्दी,बरसात व धूप ||
--बाल
है मुझसे ही रूप|
दिमाग को ढके रहता,
सर्दी,बरसात व धूप ||
--बाल
सीस कटे तो दल बने,
पैर हटाये बाद |
पेट निकाले बाल हैं,
करो,शब्द यह याद ||
--बादल
पैर हटाये बाद |
पेट निकाले बाल हैं,
करो,शब्द यह याद ||
--बादल
मैं हूँ एक अनोखी रानी|
पैरो से पीटी हूँ पानी||
--लालटेन
पैरो से पीटी हूँ पानी||
--लालटेन
तुम मेरे पीठ पर बैठो,
मैं आकाश घूमाऊंगा ||
--हवाई जहाज
मैं आकाश घूमाऊंगा ||
--हवाई जहाज
दिन मे सोये, रात को रोये|
जितना रोये, उतना खोये ||
--मोमबत्ती
--मोमबत्ती
रंग बिरंगी मेरी काया है,
बच्चों को मुझ से भाया है,
धरा चला मुझको भाया है|
मुरली अधर न लाया है,
फिर भी नाद सुनाया है||
--लट्टू
बच्चों को मुझ से भाया है,
धरा चला मुझको भाया है|
मुरली अधर न लाया है,
फिर भी नाद सुनाया है||
--लट्टू
शिवजी जटा मे गंगा का पानी |
जल का साधु, बूझो तो ज्ञानी ||
--नारियल
जल का साधु, बूझो तो ज्ञानी ||
--नारियल
मंदिर मे इसे शीश नवायें|
मगर राह में ठुकरायें ||
--पत्थर
मगर राह में ठुकरायें ||
--पत्थर
दूर के दृश्यो को वह,
घर पर दिखलाता है |
उसका नाम बताओ बच्चों,
वह सबके मन को भाता है ||
--दूरदर्शन
घर पर दिखलाता है |
उसका नाम बताओ बच्चों,
वह सबके मन को भाता है ||
--दूरदर्शन
अधर ऊपर पत्थर ,
पत्थर ऊपर जैसा |
बिन पनि के महल उठाये,
वह कारीगर कैसा |
--दियार
पत्थर ऊपर जैसा |
बिन पनि के महल उठाये,
वह कारीगर कैसा |
--दियार
यदि मुझको उल्टा कर देखो
लगता हूँ मैं नव जवान |
कोई पृथक नहीं रहता,
बूढ़ा, बच्चा या जवान ||
--वायु
लगता हूँ मैं नव जवान |
कोई पृथक नहीं रहता,
बूढ़ा, बच्चा या जवान ||
--वायु
अगर नाक पे चढ़ जाऊँ |
कान पकरकर तुम्हें पढ़ाऊँ ||
--चश्मा
कान पकरकर तुम्हें पढ़ाऊँ ||
--चश्मा
मैं हूँ हरे रंग की रानी |
देखकर आए मूँह मे पानी||
जो भी मुझको चबाएँ |
उसका मूँह लाल हो जाय ||
--पान
देखकर आए मूँह मे पानी||
जो भी मुझको चबाएँ |
उसका मूँह लाल हो जाय ||
--पान
बाप बहुत ही खुरदरा टेढ़ा मेढा-होता|
देखते मन ललचात है बेटा ऐसा होता ||
--आम
देखते मन ललचात है बेटा ऐसा होता ||
--आम
पैर नहीं पर चलती हूँ, कभी न राह बदलती हूँ |
नाप-नाप कर चलती हूँ, तो भी न घर से टलती हूँ |
--घड़ी
नाप-नाप कर चलती हूँ, तो भी न घर से टलती हूँ |
--घड़ी
मेरे शरीर मे दस खिरकियाँ,
अंगुली दाल घुमाओ जी |
जिससे चाहो तुम करो बात,
अपना हाल सुनाओ जी ||
--टेलीफ़ोन
अंगुली दाल घुमाओ जी |
जिससे चाहो तुम करो बात,
अपना हाल सुनाओ जी ||
--टेलीफ़ोन
पुंछ कटे तो सीना, सिर कटे तो मित्र
मध्य कटे खोपड़ी पहेली बड़ी विचित्र ||
--सियार
मध्य कटे खोपड़ी पहेली बड़ी विचित्र ||
--सियार
काला हूँ,कलूटा हूँ |
हलवा पूरी खिलाता हूँ ||
--कड़ाही
हलवा पूरी खिलाता हूँ ||
--कड़ाही
बाँस जैसा डूबला-पतला
हूँ रस से भरा,
चाहे मुझे छीलकर खाओ,
या चबाकर रस निकालो |
--गन्ना
हूँ रस से भरा,
चाहे मुझे छीलकर खाओ,
या चबाकर रस निकालो |
--गन्ना
लिखता हूँ पर पेन नहीं,
चलता हूँ पर गाड़ी नहीं,
टिक-टिक करता हूँ,
पर घड़ी नहीं|
--टाइपराइटर
चलता हूँ पर गाड़ी नहीं,
टिक-टिक करता हूँ,
पर घड़ी नहीं|
--टाइपराइटर
चलने को तो चलता हूँ,
गर्मी में सुख पाहुचाता हूँ|
पैर भी है मेरे तीन,
मगर आगे बढ़ नहीं पाता हूँ|
--पंखा
गर्मी में सुख पाहुचाता हूँ|
पैर भी है मेरे तीन,
मगर आगे बढ़ नहीं पाता हूँ|
--पंखा
धरती मे मैं पैर छिपाता,
आसमान मे शीश उठाता |
हिलता पर कभी न चल पाता,
पैरो से हूँ भोजन खाता,
क्या नाम है मेरे भ्राता |
--पेड़
आसमान मे शीश उठाता |
हिलता पर कभी न चल पाता,
पैरो से हूँ भोजन खाता,
क्या नाम है मेरे भ्राता |
--पेड़
तीन अक्षर का शहर हूँ,
विश्व मे प्रशिद्ध हूँ,
अंत कटे ते आग बन जाऊँ,
मध्य कटे तो आरा कहलाऊं
--आगरा
विश्व मे प्रशिद्ध हूँ,
अंत कटे ते आग बन जाऊँ,
मध्य कटे तो आरा कहलाऊं
--आगरा
लाल-लाल डिब्बा,
डिब्बे मे छेद,
बंद किया ताला,
क्या है इसका भेद |
--लेटर बॉक्स
डिब्बे मे छेद,
बंद किया ताला,
क्या है इसका भेद |
--लेटर बॉक्स
गुटरगूँ भाई गुटरगूँ,
रंग सलेटी,छत पर हूँ |
दादा फेकों तो मुन्ने,
आ जाऊंगा आँगन में||
--कबूतर
रंग सलेटी,छत पर हूँ |
दादा फेकों तो मुन्ने,
आ जाऊंगा आँगन में||
--कबूतर
लाल-लाल आंखे,
लम्बे-लम्बे कान,
रुई का फुहासा,
बोलो क्या है उसका नाम ?
--खरगोश
लम्बे-लम्बे कान,
रुई का फुहासा,
बोलो क्या है उसका नाम ?
--खरगोश
रात गली मे खड़ा-खड़ा,
डांडा लेकर बड़ा-बड़ा|
रहो जागते होशियार,
कहता है वो बार-बार ||
--चौकीदार
डांडा लेकर बड़ा-बड़ा|
रहो जागते होशियार,
कहता है वो बार-बार ||
--चौकीदार
घोड़ा दौड़ा पटरी पर,
फिर उड़ जायेगा ऊपर,
बादल के प्यारे घर में,
दूर हवा के अंदर में
--हवाई जहाज
फिर उड़ जायेगा ऊपर,
बादल के प्यारे घर में,
दूर हवा के अंदर में
--हवाई जहाज
आई गर्मी, आया मैं,
बच्चो के मन को भाया मैं,
गुठली चूसों या फेंको
लाल सुनहरा आया मैं |
--आम
बच्चो के मन को भाया मैं,
गुठली चूसों या फेंको
लाल सुनहरा आया मैं |
--आम
सिर पर जिसके कलगी लाल,
हरी सुनहरी दुम,
कुकरू कु करने वाला,
बोलो क्या कहते हो तुम?
--मुर्गा
हरी सुनहरी दुम,
कुकरू कु करने वाला,
बोलो क्या कहते हो तुम?
--मुर्गा
डिब्बे पे डिब्बा,
डिब्बा का गाँव |
चलती फिरती बस्ती,
लोहे के पाँव ||
--रेल
डिब्बा का गाँव |
चलती फिरती बस्ती,
लोहे के पाँव ||
--रेल
बूझो भैया एक पहेली |
जब काटो तो नई नवेली ||
--पेंसिल
जब काटो तो नई नवेली ||
--पेंसिल
जान बेयर्ड ने मुझे बनाया,
दुनिया ने मुझे अपनाया,
गीत,खेल व फिल्म दिखाऊँ,
सबका मैं मन बहलाऊँ ||
--टेलिविजन
दुनिया ने मुझे अपनाया,
गीत,खेल व फिल्म दिखाऊँ,
सबका मैं मन बहलाऊँ ||
--टेलिविजन
हरा हूँ पर पत्ता नहीं,
नकलची हूँ पर बंदर नहीं,
बूझो तो मेरा नाम सही |
--तोता
नकलची हूँ पर बंदर नहीं,
बूझो तो मेरा नाम सही |
--तोता
कद के छोटे कर्म के हिन,
बिन-बजाने के शौकीन |
--मच्छर
बिन-बजाने के शौकीन |
--मच्छर
रोज शाम को आती हूँ मैं,
रोज सबेरे जाती हूँ|
नींद न कभी मुझे समझना,
यद्यपि तुम्हें सुलाती हूँ ||
--रात
रोज सबेरे जाती हूँ|
नींद न कभी मुझे समझना,
यद्यपि तुम्हें सुलाती हूँ ||
--रात
एक खेत मे ऐसा हुआ,
आधा बगुला आधा सुआ |
--मूली
आधा बगुला आधा सुआ |
--मूली
BEST New hindi paheliyan with answer
एक नारी की चाल है झूठी,
वे सर काट रहे वह रूठी,
जब करे मूंह उसका काला,
काम करे सब आला |
--कलम
वे सर काट रहे वह रूठी,
जब करे मूंह उसका काला,
काम करे सब आला |
--कलम
एक डिब्बे मे बत्तीस दाने,
बुझने वाले बड़े सयाने |
--दाँत
बुझने वाले बड़े सयाने |
--दाँत
पेट कहलाए जंगल,
तीन अक्षर की सौगात,
देने वाला दे देता,
दूसरे के आए न हाथ |
--वचन
तीन अक्षर की सौगात,
देने वाला दे देता,
दूसरे के आए न हाथ |
--वचन
दबे पाँव घुस जाती,
चिजे चट कर जाती है,
जब पकड़े उसे दौड़कर,
छू मन्तर हो जाती है |
--बिल्ली
चिजे चट कर जाती है,
जब पकड़े उसे दौड़कर,
छू मन्तर हो जाती है |
--बिल्ली
देखने में गाठ-गठीला,
खाने में हूँ खूब रसीला |
--गन्ना
खाने में हूँ खूब रसीला |
--गन्ना
आदि कटे तो वन बन जाऊँ,
मध्य कटे तो जिन,
अंत कटे तो जीव बताता,
अक्षर केवल तीन |
--जीवन
मध्य कटे तो जिन,
अंत कटे तो जीव बताता,
अक्षर केवल तीन |
--जीवन
आदि कटे तो गीत सुनाऊँ,
मध्य काटकर संत बनाऊँ,
अन्त कटे तो साथी बन जाता,
सम्पूर्ण सबके मन भाता|
--संगीत
मध्य काटकर संत बनाऊँ,
अन्त कटे तो साथी बन जाता,
सम्पूर्ण सबके मन भाता|
--संगीत
ऊँपर से गिरा बम,
उसमे हड्डी न दम |
--ओला
उसमे हड्डी न दम |
--ओला
पहले पीट-पाट,तब ठोक-ठाक,
तब लेन-देन, तब खान-पान |
--सुरती
तब लेन-देन, तब खान-पान |
--सुरती
कितने रंगो से तन मेरा,
रच-रच कौन सजाता |
फूल गोद मे ले-लेकर,
झूला रोज झूलाता |
--तितली
रच-रच कौन सजाता |
फूल गोद मे ले-लेकर,
झूला रोज झूलाता |
--तितली
हरा चोर लाल मकान,
उसमे बैठा काला शैतान,
गर्मी मे वह दिखता,
सर्दी मे गायब हो जाता |
--तरबूज
उसमे बैठा काला शैतान,
गर्मी मे वह दिखता,
सर्दी मे गायब हो जाता |
--तरबूज
उस राजा की अंकोही रानी,
दूम के रास्ते पीटी पानी |
--दिया
दूम के रास्ते पीटी पानी |
--दिया
लालटेन पंखो में,
उड़े अंधेरी रात में,
जलती बाती बिना तेल के,
जाड़े व बरसात में|
--जुगनू
उड़े अंधेरी रात में,
जलती बाती बिना तेल के,
जाड़े व बरसात में|
--जुगनू
हरी-हरी मछ्ली के,
हरे-हरे अंडे,
जल्दी से बुझिए,
वर्ण पड़ेंगे डंडे|
--मटर की फली
हरे-हरे अंडे,
जल्दी से बुझिए,
वर्ण पड़ेंगे डंडे|
--मटर की फली
आंखे दो हो जाए चार,
मेरे बिना कोट बेकार,
घुसा आँखों में मेरा धागा,
दर्जी के घर से मैं भागा|
--बटन
मेरे बिना कोट बेकार,
घुसा आँखों में मेरा धागा,
दर्जी के घर से मैं भागा|
--बटन
खाते नहीं चबाते लोग,
काठ में कड़वा रस संयोग,
दाँत-जीभ की करे सफाई,
बोलो बात समझ में आई |
--दाँतुन
काठ में कड़वा रस संयोग,
दाँत-जीभ की करे सफाई,
बोलो बात समझ में आई |
--दाँतुन
काली हूँ,मैं काली हूँ,
काले वन मे रहती हूँ,
लाल पानी पीती हूँ |
बताओ मैं कौन हूँ |
--जूँ
काले वन मे रहती हूँ,
लाल पानी पीती हूँ |
बताओ मैं कौन हूँ |
--जूँ
मुझे छूकर जेओ हाथ मले,
उसे मैं रुला देती हूँ|
मुझे कोई मूँह लगाए,
उसे मैं मजा चखा देती हूँ|
--मिर्च
उसे मैं रुला देती हूँ|
मुझे कोई मूँह लगाए,
उसे मैं मजा चखा देती हूँ|
--मिर्च
कातिल, पर दोषी नहीं,
उजला उसका रंग,
बत्तीस दल में रहे,
सदा रहे एक संग |
--दाँत
उजला उसका रंग,
बत्तीस दल में रहे,
सदा रहे एक संग |
--दाँत
छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता,
रोज दहि की नदी मे नहाता |
--दहीबड़ा
रोज दहि की नदी मे नहाता |
--दहीबड़ा
वह पंखो के बगैर उड़ता है,
मगर हवाई जहाज नहीं है ,
वह इस तरह से सैर करता,
क्या है भला नाम बताओ |
--बादल
मगर हवाई जहाज नहीं है ,
वह इस तरह से सैर करता,
क्या है भला नाम बताओ |
--बादल
New hindi paheliyan with answer
दूध की कटोरी में काला पत्थर,
जल्दी तुम बताओ सोचकर|
--आँख
--आँख
चाची के दो कान, चाचा के नहीं कान,
चाची अति सुजान, चाचा को कुछ ना ज्ञान |
--तबा और कढाही
चाची अति सुजान, चाचा को कुछ ना ज्ञान |
--तबा और कढाही
पाँच अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा सीधा एक समान |
--मलयालम
उल्टा सीधा एक समान |
--मलयालम
तीन अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा-सीधा एक समान |
मैं हूँ एक जाती नाम |
--ईसाई
उल्टा-सीधा एक समान |
मैं हूँ एक जाती नाम |
--ईसाई
वायुमंडल की ऊपरी सतह पर,
भाइयों मे पाई जाती हूँ,
सूर्य की कॉस्मिक विकिरण से,
सभी जीव की जान बचाती हूँ |
--ओजोन परत
भाइयों मे पाई जाती हूँ,
सूर्य की कॉस्मिक विकिरण से,
सभी जीव की जान बचाती हूँ |
--ओजोन परत
एक गाँ में आग लगी,
दूसरे गाँव में धुआँ,
चलो मित्र चलकर देखे,
उठा भूमि का कुआँ |
--हुक्का
दूसरे गाँव में धुआँ,
चलो मित्र चलकर देखे,
उठा भूमि का कुआँ |
--हुक्का
टोपी है हरी मेरी,
लाल है दुशाला |
पेट में अजीब लगी,
दानों की माला ||
--मिर्च
लाल है दुशाला |
पेट में अजीब लगी,
दानों की माला ||
--मिर्च
ऊपर से तो है हरा,
अंदर से है लाल |
उतना मीठा रस भरा,
जितनी मोती खाल ||
--तरबूज
अंदर से है लाल |
उतना मीठा रस भरा,
जितनी मोती खाल ||
--तरबूज
हरी डंडी,
लाल कमान,
तौबा-तौबा करे इंसान |
--लाल मिर्च
लाल कमान,
तौबा-तौबा करे इंसान |
--लाल मिर्च
ऐसी कौन सी चीज़ है
जो पानी में गिरने पर भी
गीली नहीं होती?
--परछाई
जो पानी में गिरने पर भी
गीली नहीं होती?
--परछाई
अगर प्यास लगे तो पी सकते हैं
भूख लगे तो खा सकते हैं
और अगर ठण्ड लगे तो उसे जला भी सकते हैं
बोलो क्या है वो ?
--नारियल
भूख लगे तो खा सकते हैं
और अगर ठण्ड लगे तो उसे जला भी सकते हैं
बोलो क्या है वो ?
--नारियल
वह कोनसी चीज़ है जिसका रंग काला है
वह उजाले में तो नजर आती है
परन्तु अंधरे में दिखाई नहीं पड़ती
बोलो क्या है वो ?
--परछांई
वह उजाले में तो नजर आती है
परन्तु अंधरे में दिखाई नहीं पड़ती
बोलो क्या है वो ?
--परछांई
कमर बांधे घर में रहती
सुबह-शाम जरूरत है पड़ती
बताओ क्या ?
--झाडू
सुबह-शाम जरूरत है पड़ती
बताओ क्या ?
--झाडू
वह कौन सा मुख है जो
सुबह से लेकर शाम तक
आसमान की ओर देखता रहता है।
--सूरजमुखी
सुबह से लेकर शाम तक
आसमान की ओर देखता रहता है।
--सूरजमुखी
एक फूल यहां खिला,
एक खिला कोलकाता
अजब अजूबा हमने देखा,
पत्ते के ऊपर पत्ता।
--फूलगोभी
एक खिला कोलकाता
अजब अजूबा हमने देखा,
पत्ते के ऊपर पत्ता।
--फूलगोभी
ऐसी क्या चीज है जो
आदमी के लिए नुकसानदेह है
किंतु लोग फिर भी उसे पी जाते हैं।
--गुस्सा
आदमी के लिए नुकसानदेह है
किंतु लोग फिर भी उसे पी जाते हैं।
--गुस्सा
वह क्या हैं जिसे लोग,
अपने से ज्यादा दूसरे का देखते हैं।
--चेहरा
अपने से ज्यादा दूसरे का देखते हैं।
--चेहरा
ऐसी कौन सी जगह है, जहाँ पर सड़क है पर गाड़ी नहीं,
जंगल है पर पेड़ नहीं, और शहर है पर घर नहीं |
--नक्शा
जंगल है पर पेड़ नहीं, और शहर है पर घर नहीं |
--नक्शा
पीपल की डाल पर, बैठी वह गाती है !
तुम्हें हमें अपनी बोली से, वह संदेश सुनाती है !
--चिड़िया
तुम्हें हमें अपनी बोली से, वह संदेश सुनाती है !
--चिड़िया
ऐसा रूम, जिसकी खिड़की ना,
दरवाजा तो बताओ क्या ?
--मशरूम
आशा करता हूँ की आपको आज की ये "150+ छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित " पसंद आई होंगी और इन पहेलियों को पढ़ने के बाद आपका मनोरंजन के साथ-साथ दिमाग की कसरत भी हुई होगी। यदि आपको ये "150+ Paheli in hindi with answer 2023" पसंद आई होंगी तो अपने दोस्तो के साथ SHARE करना मत भूलिएगा।