100 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित
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100+मजेदार पहेलियाँ with Answer
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न बीज न गुठली,
छिलका उतारो तो हलवे की डाली ।
--केला
ये धनुष है सबको भाता,
मगर लड़ने के काम न आता।
--इंद्रधनुष🌈
एक दुकानदार ऐसा,
जो दाम भी लेता, माल भी लेता।
--नाई
कल बनता धर के बिना,
माल बनता सिरहीन|
थोड़ा हूँ पैर कटे तो,
अक्षर केवल तीन ||
-कमल
कटोरे-पे- कटोरा,
बेटा बाप से भी गोरा ।
--नारियल
पहेलियाँ उत्तर सहित
छोटी चिड़िया फुलकए जाय,
सौसे दुनिया लुटल जाय।
--आग
एक हाथ का प्राणी अचल,
हाथ हिलाओ निकले जल ।
--हैंडपंप
थोड़ा जाय तो इस्स बोले,
आधा जाए तो हाए रे बाप।
पूरा जाए तो हँस कर गोरी,
बोले मीठी-मीठी बात।।
--चूड़ी
खाते है इसको सब,
लेकिन स्वाद कोई न बता सका ।
लोग खिलते भी है लेकिन,
कोई उसे न चख सका ।
--कसम
अजब सुनी इक बात,
नीचे फल और ऊपर पात।
--अनानास
ब्रह्मा का पिता,चन्दा का साला,
कीचड़ में खिला उसको पाला ।
--कमल
काले बन की रानी है,
लाल-पानी पीती है |
--खटमल
तीन अक्षर का नाम बताये|
शुरू के दो अति हो जाये,
अंतिम दो से तीथी बताये||
--अतिथि
फिर भी खाती है गोली|
बच्चे, बूढ़े डर जाते,
सुन इसकी बोली ||
--बंदूक🔫
एक पहेली मैं बुझाउ,
सिर को काट नमक छिर्काऊँ ||
--खीरा
खाते नहीं चबाते लोग,
काठ मे करवा रस संयोग |
दाँत जीभ की करे सफाई,
बोलो बात समझ मे आई ||
--दातून
मजेदार पहेलियाँ with Answer
चार ड्राईवर एक सवारी |
उसके पीछे जनता भारी ||
--मुर्दा
मैं मरूँ मैं कटूँ |
तुम्हें क्यों आँसू आए |
--प्याज
ऊंट की बैठक, हिरण की चाल,
बोलो वह कौन है पहलवान |
--मेढक
घोड़ा हूँ मैं घोड़ा हूँ,
काले बन में रहता हूँ,
लाल पानी पिता हूँ,
सब मुझसे है परेशान।
--जुएँ
हरी डंडी, लाल कमान,
तौबा-तौबा करें इंसान |
--मिर्ची
तीन अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा सीधा एक समान|
--जहाज
पानी से निकलता दरखत एक,
पात नहीं पर दाल अनेक |
एक दरख्त की ठंडी छाया,
नीचे एक बैठ नही पाया ||
--फुहारा
हमने देखा अजब एक बंदा ,
सूरज के सामने रेहता ठंडा |
धूप मे ज़रा नही घबराता,
सूरज की तरफ मूँह लटक जाता ||
--सूरजमुखी
परत-परत पर जमा हुआ है,
इस एज्ञान ही जान|
बस्ता खोलोगे तो इसको,
जाओगे तूम पहचान ||
--किताब
काला हण्डा, उजला भात,
ले लो भाई हाथों-हाथ |
--सिंघारा
हाथी,घोड़ा ऊंट नहीं,
खाए न दाना, घास|
सदा ही धरती पर चले,
होए न कभी उदास ||
--साइकिल
मैं हरी,मेरे बच्चे काले,
मुझको छोरमेरे बच्चे खाले |
--इलाईची
मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित
चार हैं रानियाँ और एक हैं राजा,
और एक काम मे उनका अपना साझा |
--अंगूठा और अंगुलियाँ
तीन अक्षरो का मेरा नाम,
आदि कटे तो चार |
कैसे हो तुम मैं जानूँ,
बोलो तुम सोच विचार ||
--अचार
एक फूल है काले रंग का,
सिर पर सदा सुहाए |
तेज धूप मे खिल-खिल जाता,
पर छाया मे मुरछाए ||
--छाता
सापों से भरी एक पिटारी,
सब के मूंह मे दो चिंगारी |
जोड़ो हाथ तो निकल गहर से,
फिर घर पर सिर दे फटके ||
--माचिस
हाथ-पैर सब-जुदा,
ऐसी सूरत दे खुदा |
जब वह सूरत बन ठन आवे ,
हाथ धरे तो रोग सुनावे ||
--हुक्का
अन्त कटे कौआ बन जाए,
प्रथम कटे तो कार्य बने,
तीन अक्षर का उसका नाम ||
--कागज
ऐसा शब्द लिखिये जिससे,
फूल, मिठाई, फल बन जाये |
--गुलाब जामुन
एक छोटा सा बंदर,
जो उछले पानी के अंदर |
--मेढक
थल मे पकड़े पैर तुम्हारे,
जल मे पकड़े हाथ |
मुर्दा होकर भी रहता है ,
जिंदों के हाथ ||
--जूता
बच्चे भी कहते है मामा,
बूढ़े भी कहते है मामा |
दीदी भी कहती है मामा,
बोलो कौन से मामा |
--चंदा मामा
तीन पैर की तीतली,
नहा-धोकर निकली |
--समोसा
ऊंट की बैठक हिरण की चाल |
वह कौन सा जानवर,
जिसके दुम न पाल ||
--मेढक
न काशी, न बाबाधाम,
बीन जिसके हो चक्का जाम |
पानी जैसी चीज़ है वह
झट से बताओ उसका नाम ||
--पेट्रोल
आवाज हैं, इंसान नहीं,
जवान है निशान नहीं||
--औडीयो कैसेट
खुशबू है गुलाब नहीं,
रंगीन है लेकिन शराब नहीं |
सुगंध है कोई प्रेम पत्र नहीं,
ये जहर है, लेकिन गुलाब नहीं||
--इत्र
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शुरू कटे तो नमक बने,
मध्य कटे तो कान |
अन्त कटे तो काना बन,
जो न जाने उसका बाप शैतान ||
--कानून
हरी डिब्बी, पीला मकान |
उसमे बैठे कल्लू राम ||
--पपीता और बीज
वह कौन सा अंधेरा है,
जो रौशनी से बनता है।
--परछाई
बिल्ली की पुंछ रहे हाथ मे,
बिल्ली रहे इलाहबाद में |
--पतंग
नया खजाना घर मे आया,
डब्बे मे संसार समाया |
नया करिश्मा बेजोड़ी का,
नाम बताओ इस योगी का ||
--टेलिविजन
छोटा-सा धागा,
सारी बात ले भागा |
--टेलीफ़ोन
एक महल बसी कोठरी सब है फाटकदार |
खोले तो दरवाजा मिले न राजा, पहरेदार||
--प्याज
तीन अक्षर का मेरा नाम,
प्रथम कटे तो शस्त्र बनूँ |
मध्य कटे तो बनूँ मैं आन
बोलो क्या है मेरा नाम ||
--आँगन
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20 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित
एक घोड़ा ऐसा जिसकी छ: टांग दो सूम |
और तमाशा ऐसा देखा पीठ के ऊपर दूम ||
--तराजू
बेशक न हो हातह मे हाथ,
बिता है वह आपके साथ |
--परछाई
एक पहेली सदा नवेली जो भूझे सो जिंदा,
जिंदा मे से मुर्दा निकले,
मुर्दा मे से जिंदा |
--अंडा
जो तुझमे है वह उसमे नहीं,
जो झंडे मे है वह अंडे मे नहीं |
--झ
आगे से गाँठ गठीला,पीछे से वो टेढ़ा |
हातह लगाए कहर खुदा का, बुझ पहेली मेरा |
--बिच्छू
कमर बांध कोने मे पड़ी |
बड़ी सबेरे अब है खड़ी ||
--झाडू
हाल पनि का देखकर बहुत ताज्जूब आए|
ड्राख्त मे डूबा भरा,डालिया प्यासी जाये ||
--ओस
पंख हैं, पर नहीं मैं पक्षी,
क्योंकि न मैं देती अंडे।
चल सकु पर जानवर नहीं,
जानो नहीं तो पड़ेंगे डंडे।
--चमगादर
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चार है चिड़ियाँ,चार अहि रंग |
चारो के बदरंग,चारो जब बैठे साथ,
लगे एक ही रंग ||
--पान
छूने मे शीतल,सूरत मे लुभानी,
रात मे मोती और दिन मे पानी
--ओस
तीन अक्षर का उसका नाम,
आता है जो खाने काम |
अन्त कटे तो हल बन जाये,
मध्य कटे तो हवा बाण जाये ||
--हलवा
हरी टोपी, लाल दुशाला |
पेट मे है मोती की माला ||
--लाल मिर्च
एक नारी ऐसी है,
रंग जिसका मैला है,
लगी रहती अहि वह पिया के संग,
रोशनी मे संग विराजती,
अंधकार मे भाग जाती ||
--परछाई
नहीं चाहिए इंजन मुझको,
नहीं चाहिए खाना |
मुझ पर चढ़कर आसपास का,
करलों सफर सुहाना ||
--साइकिल
बीच ताल में थोड़ा पानी |
उसमे नीचे लाल भवानी ||
--पूड़ी
आदि कटे तो हद हो जाये,
अन्त कटे तो राह है,
तीन अक्षरी बसी माधुरी,
कण-कण मे संचित है ||
--शब्द,
बिना तेल के चलता है,
पैर बिना वो चलता है,
उजियारे को बिखेर कर,
अँधियारे को दूर करता है||
--सूरज
हाथ मे हरा, मूँह मे लाल |
क्या सीएचआरआरज़ेड है
बताओ प्यारे लाल |
--कोयला
बरसात मे याद दिलाये |
पानी धूप मे काम आए ||
--छाता
एक महल के दो रखवाले,
दोनों लंबे दोनों काले ,
ठाकुरों की शान है वह,
मुरदो की जान है वह||
--मूँह
लाल घोड़ा अड़ा रहे,
काला घोड़ा भागता जाये |
--आग-धुआं
दिखने मे मैं बाँस सरीखा,
नहीं मैं कडुवा नहीं मैं तीखा,
स्वाद मधुर,स्पर्श रसीला,
गर्मियों तक चले मेरा सिलसिला||
--गन्ना
धूप देख मैं आ जाऊँ,
छाओ देख शरमा जाऊँ|
जब हवा करे स्पर्श मुझे,
मैं उसमे समा जाऊँ||
--पसीना
शंकर जी का हूँ मैं पर्याय,
सब को मेरा रंग रूप सुभाय|
मैं हूँ नभ पर खग काया,
कोई है जो मेरा नाम बताय||
--नीलकण्ठ
लंबी पुंछ पीठ पर रेखा,
दोनों हाथो खाते देखा|
--गिलहरी
आपस मे ये मित्र बड़े है,
चार पड़े है चार खड़े हैं|
इच्छा हो तो उस पर बैठो,
या फिर बड़े मजे से लेटो|
--खाट
कान मरोड़ो पानी दूँगा,
नहीं दाम मैं कुच्छ भी लूँगा |
--नल
चार चौकड़ी मेन बाजार,
सोलह बेटी के एक दामाद|
--पासा
आते-आते है दु:ख हैं देते,
बीच मे देते आराम |
कड़ी-दृष्टि रखना इन पर,
सदा सुबह और शाम||
--दाँत
यह हमको देती आराम,
यह ऊँची तो ऊंचा नाम,
बड़े-बड़े लोगो को देखा,
इसके लिए हपोता संग्राम||
--कुर्सी
जा को ज़ोड़ बने जापान |
बड़े-बड़े की मूँह की शान ||
--पान
लाल-लाल डिबियाँ, पीले हैं खाने |
डिबिया के भीतर, मोती के दाने ||
--अनार
गिन नहीं सकता कोई,
है मुझसे ही रूप|
दिमाग को ढके रहता,
सर्दी,बरसात व धूप ||
--बाल
सीस कटे तो दल बने,
पैर हटाये बाद |
पेट निकाले बाल हैं,
करो,शब्द यह याद ||
--बादल
मैं हूँ एक अनोखी रानी|
पैरो से पीटी हूँ पानी||
--लालटेन
तुम मेरे पीठ पर बैठो,
मैं आकाश घूमाऊंगा ||
--हवाई जहाज
दिन मे सोये,
रात को रोये|
जितना रोये,
उतना खोये ||
--मोमबत्ती
रंग बिरंगी मेरी काया है,
बच्चों को मुझ से भाया है,
धरा चला मुझको भाया है|
मुरली अधर न लाया है,
फिर भी नाद सुनाया है||
--लट्टू
शिवजी जटा मे गंगा का पानी |
जल का साधु, बूझो तो ज्ञानी ||
--नारियल
छोटा सा धागा सारी बात ले भागा
--टेलीफ़ोन
मंदिर मे इसे शीश नवायें|
मगर राह में ठुकरायें ||
--पत्थर
दूर के दृश्यो को वह,
घर पर दिखलाता है |
उसका नाम बताओ बच्चों,
वह सबके मन को भाता है ||
--दूरदर्शन
मजेदार पहेलियाँ
मैं छोटा सा फकीर,
मेरे पेट में हैं लकीर।
--गेंहू
कमर पतली है, पैर सुहाने,
कहीं गए होंगे बीन बजाने।
--मच्छर
अगर नाक पे चढ़ जाऊँ |
कान पकरकर तुम्हें पढ़ाऊँ ||
--चश्मा
मैं हूँ हरे रंग की रानी |
देखकर आए मूँह मे पानी||
जो भी मुझको चबाएँ |
उसका मूँह लाल हो जाय ||
--पान
बाप बहुत ही खुरदरा टेढ़ा मेढा-होता|
देखते मन ललचात है बेटा ऐसा होता ||
--आम
पैर नहीं पर चलती हूँ,
कभी न राह बदलती हूँ |
नाप-नाप कर चलती हूँ,
तो भी न घर से टलती हूँ |
--घड़ी
मेरे शरीर मे दस खिरकियाँ,
अंगुली दाल घुमाओ जी |
जिससे चाहो तुम करो बात,
अपना हाल सुनाओ जी ||
--टेलीफ़ोन
पुंछ कटे तो सीना, सिर कटे तो मित्र
मध्य कटे खोपड़ी पहेली बड़ी विचित्र ||
--सियार
chhota sa dhaga sari baat le bhaga
ऐसा क्या है ?
जिसे हम छू नहीं सकते
पर देख सकते हैं।
--स्वप्न
एक बालक देखा ऐसा,
जिसने स्कूल कभी न देखा।
वह जब हिसाब देता,
वह हाजिर जवाब होता है।
--कल्क्युलेटर
लिखता हूँ पर पेन नहीं,
चलता हूँ पर गाड़ी नहीं,
टिक-टिक करता हूँ,
पर घड़ी नहीं|
--टाइपराइटर